बिना अभ्यास किये कोई भी विद्या सफ़ल नही हो सकती है। अगर कार्य को पढा गया है तो कार्य को करने के बाद उसका वास्तविक रूप सामने आजाता है। ज्योतिष भी एक कार्य वाली विद्या है। इसे पढकर इसके लिये अभ्यास को कार्य रूप मे करना बहुत जरूरी है। आइये आपको सबसे पहले भदावरी ज्योतिष के माध्यम से आपको खोई हुई वस्तुओं के प्रति अभ्यास से खोजने का तरीका बताते है।
"घर दू जा है रुपया पैसा,खाया जाता इस घर से,इस घर का मालिक जहां बैठे खोजो जाकर उस घर में",
यानी जो भी भौतिक वस्तुये है और उन्हे उठाकर रखा जा सकता है,उनके अन्दर जान नही होती है लेकिन वे वस्तुये कीमत देकर चुकाई गयी होती है,सोना चांदी रुपया पैसा और महंगी वस्तुये भी इसी घर से देखी जाती है.इस घर का मालिक जिस राशि भाव मे विराजमान है उसी राशि और भाव के स्थान पर वह वस्तु विराजमान होगी।
उदाहरण के रूप में समय की लगन तुला है,और दूसरे भाव की वस्तु वृश्चिक राशि से सम्बन्धित होगी,वह चाहे दवाई के रूप मे हो चाहे वह एन्टिक वस्तु हो,वह पाताली शक्ति से पूर्ण कोई तांत्रिक वस्तु भी हो सकती है,उसे मृत्यु के बाद किसी की दी हुयी वस्तु के रूप मे भी जाना जा सकता है। उस वस्तु को खोजने के लिये जिस राशि में मंगल बैठा है जिस भाव मे मंगल विराजमान है उसी भाव मे उसे खोजना पडेगा और उसी राशि के अन्दर आने वाले कारक के साथ देखना पडेगा। मान लीजिये मंगल ग्यारहवे भाव मे सिंह राशि मे विराजमान है,तो वह भाव तो बडे भाई का होगा,दिशा से उत्तर-पूर्व का होगा,मित्र का भाव भी यही है,लेकिन मित्र के लिये मंगल का कारण केवल बीस अंश से पच्चीस अंश के बीच का ही होगा। मित्र या बडा भाई बहिन जो किसी प्रकार से सरकारी या राजनीति के क्षेत्र में होगा अथवा अपने पुत्र या पुत्री के साथ होगा उसके पास उस वस्तु का होना माना जायेगा। घर के अन्दर इस स्थान का मालिक पश्चिमोत्तर का कोना माना जायेगा,वह स्थान भी माना जायेगा जहां शाम के सूर्य की रोशनी आ सकती है,अनाज या जंगली उत्पादन वाले कारको को रखने का स्थान भी हो सकता है आदि कारको से खोजा जा सकता है।
"घर पहले का मालिक होगा जीव जगत से जुडा हुआ,अष्टम के संग युति मिलेगी मुर्दा वह कहलायेगा"
"घर दू जा है रुपया पैसा,खाया जाता इस घर से,इस घर का मालिक जहां बैठे खोजो जाकर उस घर में",
यानी जो भी भौतिक वस्तुये है और उन्हे उठाकर रखा जा सकता है,उनके अन्दर जान नही होती है लेकिन वे वस्तुये कीमत देकर चुकाई गयी होती है,सोना चांदी रुपया पैसा और महंगी वस्तुये भी इसी घर से देखी जाती है.इस घर का मालिक जिस राशि भाव मे विराजमान है उसी राशि और भाव के स्थान पर वह वस्तु विराजमान होगी।
उदाहरण के रूप में समय की लगन तुला है,और दूसरे भाव की वस्तु वृश्चिक राशि से सम्बन्धित होगी,वह चाहे दवाई के रूप मे हो चाहे वह एन्टिक वस्तु हो,वह पाताली शक्ति से पूर्ण कोई तांत्रिक वस्तु भी हो सकती है,उसे मृत्यु के बाद किसी की दी हुयी वस्तु के रूप मे भी जाना जा सकता है। उस वस्तु को खोजने के लिये जिस राशि में मंगल बैठा है जिस भाव मे मंगल विराजमान है उसी भाव मे उसे खोजना पडेगा और उसी राशि के अन्दर आने वाले कारक के साथ देखना पडेगा। मान लीजिये मंगल ग्यारहवे भाव मे सिंह राशि मे विराजमान है,तो वह भाव तो बडे भाई का होगा,दिशा से उत्तर-पूर्व का होगा,मित्र का भाव भी यही है,लेकिन मित्र के लिये मंगल का कारण केवल बीस अंश से पच्चीस अंश के बीच का ही होगा। मित्र या बडा भाई बहिन जो किसी प्रकार से सरकारी या राजनीति के क्षेत्र में होगा अथवा अपने पुत्र या पुत्री के साथ होगा उसके पास उस वस्तु का होना माना जायेगा। घर के अन्दर इस स्थान का मालिक पश्चिमोत्तर का कोना माना जायेगा,वह स्थान भी माना जायेगा जहां शाम के सूर्य की रोशनी आ सकती है,अनाज या जंगली उत्पादन वाले कारको को रखने का स्थान भी हो सकता है आदि कारको से खोजा जा सकता है।
"घर पहले का मालिक होगा जीव जगत से जुडा हुआ,अष्टम के संग युति मिलेगी मुर्दा वह कहलायेगा"
किसी का प्रश्न आया कि अमुक व्यक्ति बहुत समय से घर से गायब है या उसका पता नही चलता है,प्रश्न कुंडली के अनुसार विचार किया तो पहले भाव का मालिक अष्टम भाव के मालिक के साथ दसवे भाव मे है,इस बात का साधारण सा जबाब होगा कि वह व्यक्ति दक्षिण दिशा मे गया और वहां काम काज के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो गया। खोजने के लिये दसवे के स्वामी की मदद लेनी पडेगी,जैसे दसवे का मालिक शनि है और शनि का स्थान दूसरे भाव मे है,दूसरे का मालिक शुक्र राहु के साथ पंचम मे विराजमान है,इसमे शुक्र राहु यानी समाचार पत्र या किसी प्रकार की द्रश्य मीडिया जुडकर पता करना पडेगा।
"घर तीसरा कहा सूनी का घर के बाहर जाने का,बोली चाली और सभ्यता भैया बहिन बताने का"
तीसरे भाव से सम्बंधित कारण आपसी कहा सूनी के लिए भी माने जाते है क्या पहिना जाता है क्या बोला जाता है किस भाषा पर अच्छी जानकारी है और किस भाषा में नहीं बोला जा सकता है,इस भाव से सम्बन्धित चीजे हमेशा कमन्यूकेशन से संबधित होती है जो भी कारण मोबाइल फोन कम्पयूटर डाटा कार्ड आदि से जुड़े होते है वह इसी घर से देखे जाते है.इस घर का मालिक जिस भाव और राशि में होता है उसी भाव और राशि से जोड़ कर देखा जाता है,जैसे मोबाइल खो गया है और इस भाव का मालिक अगर अष्टम में विराजमान है तो यात्रा में वह खोया है और किसी ऐसे स्थान पर गिरा है जहां से पाना मुश्किल है लेकिन वही अगर वृष राशि है तो किसी चोर के द्वारा उसे बेच कर धन कमाने की जरूरत से चुराया गया है अगर चौथे भाव के साथ इस राशि का स्वामी है तो वह घर के अन्दर ही है या किसी प्रकार से वाहन में रह गया माना जा सकता है.
इन कारको से खोया हुआ सामान आदि प्राप्त करने में ज्योतिष की सहायता ली जा सकती है.
2 comments:
aap ko mera namsakar mein dilli se aap ka blog humsa padta hun isi parkaar aur baki ke bhav ke bare mein ki kirpa kare aap se ek aur prathana hahi ki नाम राशि ke bare aur batane ki kirpa kare .dhanyevaad
aap ka
subhchintak
Supar
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