वरुण एक नाम

पानी के देवता को वरुण के नाम से पुकारा जाता है और पानी का कारक चन्द्रमा भी होता है। जब भी इस नाम को लिया जाता है तो एक व्यक्ति मछली पर सवार होकर पानी के अन्दर यात्रा कर्ता हुआ दिखाई देता है।मछली जो बिना पानी के नही रह सकती है और एक प्रकार की अपनी ही जलवायु मे रहना पसन्द करती है। इस नाम का पहला अक्षर व से शुरु होता है यह अक्षर वैसे तो वृष राशि का है,साथ ही यह योग रूप मे भी अजान चक्र को बताने वाला है.वकार के रूप मे अगर समझा जाये तो यह अक्षर उस सांड की तरह से है जो अपने लिये मस्ती के अलावा और कुछ नही करना चाहता है साथ ही इस प्रकार के व्यक्ति को किसी की रोक टोक पसन्द नही है। वह अपने मन की मर्जी से चलने वाला होता है और कामुकता के मामले मे भी अनौखी काम शक्ति को अपने अन्दर रखता है। व अक्षर पर कोई भी मात्रा नही है इसलिये यह अपनी स्थिति को सामान्य रखने की योग्यता का कारक भी माना जाता है। अधिक उठापटक इसके साथ तभी दिखाई देती है जब इसके अन्दर कोई विशेष शक्ति को प्रवेश दिलाया जाये। इस नाम का दूसरा अक्षर र जो तुला राशि से सम्बन्ध रखता है के लिये जाना जाता है और इस अक्षर से इस नाम वाले व्यक्ति के लिये अपने खुद के विवेक से काम करने और किसी भी मामले मे शुरु से ही बेलेन्स करने की अदभुत क्षमता को देखा जाता है। इस अक्षर मे उ की मात्रा होने के बाद बोलनेमे खरा स्वभाव भी माना जाता है और किसी भी रिस्ते आदि मे यह अपने को पहले तो झुक कर अपनी स्थिति को दर्शाने की कोशिश करता है,उसके बाद किसी भी कारण का भेद लेने के बाद उसके लिये किसी ऐसी बात को पैदा कर देता है कि सामने वाला अपने ही कार्यों की पुष्टि करने मे मात खाने को मजबूर हो जाता है। अक्सर इस नाम के आगे के अक्षर ण अक्षर का आना भी एक प्रकार की विशेष सीमा मे बन्धा माना जाता है इसके पूर्व के जीवन के बारे मे इस अक्षर की विशेषता यह मानी जाती है कि व्यक्ति को बचपन से ही अपनी जिम्मेदारियों का बोध हो गया था और इसके सामने केवल पारिवारिक रिस्तो की पूर्ति करने मे ही अपने आधे से अधिक जीवन को लगाया जाना माना जाता है,किसी भी रूप मे इस प्रकार के व्यक्ति के साथ दोस्ती करना बुरा नही माना जाता है कारण जो भी बुराइया अद्रश्य होती है इस नाम का व्यक्ति अपनी कला से उन बुराइयों को खोज कर अपनी स्पष्ट भाषा मे उस बुराई को बता देता है,सुनने मे बुरी बात जरूर लग सकती है लेकिन जो कहा जाता है वह पत्थर की लकीर के जैसा होता है।  इस प्रकार के व्यक्ति धन के लिये ही पैदा हुये होते है अपने अच्छे समय मे यह धन को बहुतायत से प्राप्त कर भी लेते है लेकिन अजीब कामो के अन्दर उन्हे अक्सर धोखा ही दिया जाता है अगर यह अपने को तंत्र आदि से पूर्ण कर लेते है तो इन्हे सफ़लता मिलती जाती है अन्यथा यह अकेले ही अपने जीवन को घसीटने के लिये भी मजबूर होते देखे गये है। वृष राशि के सामने वृश्चिक राशि आने से अक्सर इस नाम के लोगो को तांत्रिक और अनदेखे कारणो से अधिक जूझना पडता है गहराई मे जाने से और गूढ बातो को जाने बिना इनके लिये कुछ भी नही कहा जा सकता है। इनके लिये जो भी सलाह देने वाला होता है वह पहली बार मे या तो खुद ही समाप्त हो जाता है अथवा यह अपने पहले के सलाह देने वाले व्यक्ति से दूरिया बना लेते है,इनकी पहली सन्तान भी अक्सर या तो बेकार निकल जाती है या फ़िर होने से पहले ही समाप्त हो जाती है। इन्हे अपनी माता से हमेशा बल मिलता है लेकिन निन्न्यानबे  प्रतिशत मामले मे इस प्रकार के जातक अपनी माता का साथ अधिक नही निभा पाते है। इनके मित्र वाले क्षेत्रो मे वही मित्र अधिक मिलते है जो या तो किसी न किसी प्रकार से बडे सन्स्थानो मे अपने कामो को करते है या विदेश से अपने सम्बन्ध बनाकर चलते है। विदेशी मामले मे इनके मित्र इनकी सलाह से उचित मार्ग प्राप्त कर लेते है.जायदाद आदि के मामले मे भी इनकी राय सही देखी जा सकती है। इनका वैवाहिक जीवन अक्सर इनकी वाकपटुता से और इनके जीवन साथी के अन्दर बिच्छू के गुण आजाने से दिक्कत वाला ही होता है और इनके लिये खराब समय तभी शुरु हो जाता है जब इस नाम राशि वाले अपने को पानी वाले स्थानो की यात्रा को बन्द कर देते है।

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