क्या हीरा और गोमेद एक साथ पहिना जा सकता है ?


हीरा शुक्र का रत्न कहा जाता है और गोमेद राहु का रत्न कहा जाता है,राहु और शुक्र की युति अभी मैने आपके लिये लिखीहै और आप लोगों ने उसे फ़ेसबुक के माध्यम से सराहा भी है। पहले हीरा को समझना बहुत जरूरी है.
शुक्र का रत्न हीरा है और शुक्र के अलग अलग भाव और अलग अलग राशि से हीरे का रूप बदल जाता है,हीरे की कटिंग और उसकी धातु का परिवर्तन हो जाता है। मेष राशि के लिये हीरा जीवन साथी का और धन के क्षेत्र का मालिक है इसलिये हीरा १४४० धारी का सफ़ेद रंग का स्वर्ण धातु में अकेला पहिना जा सकता है।


लेकिन मेष राशि का शुक्र अगर लगन पंचम नवम मे है तो अन्यथा अन्य भावो में इस राशि के लिये हीरा अपनी प्रकृति को बेलेन्स नही कर पायेगा,और बजाय फ़ायदा के नुकसान देना शुरु हो जायेगा। जैसे इस राशि में शुक्र का स्थान अष्टम मे वृश्चिक राशि मे है तो हीरा किसी भी प्रकार से पहिनने के बाद खो जायेगा या चुरा लिया जायेगा या किसी प्रकार की दुर्घटना को दे कर वह चला जायेगा। इस बात के लिये कोहिनूर हीरे के इतिहास को देखकर समझा जा सकता है। महाराजा रंजीत सिंह तुला राशि के थे और उनका शुक्र वृश्चिक राशि का होकर दोसरे भाव में था। इस भाव मे शुक्र के होने के कारण उन्ही के हाथो से कोहिनूर का उनके हाथ से ही नही बल्कि देश से भी जाना हो गया,वह किसी प्रकार से मिल नही सकता है। इस शुक्र के लिये जो हीरा काम करता है वह कत्थई रंग का होने पर और लम्बे ओवल सेव का ही काम करेगा उसकी कटिंग भी ६४ धारी की होनी जरूरी है। इसी प्रकार से अगर राहु शुक्र के साथ है और शुक्र राहु की युति अगर पंचम स्थान में है तो मेष राशि का व्यक्ति राहु शुक्र के दोष को दूर करने के लिये तथा जातक की आदत जो हाथ मे दिल लेकर घूमने वाली होती है उसमे फ़ायदा देने के लिये पहिना जा सकता है,गोमेद का रंग भी सफ़ेद आभा वाला ही होना चाहिये और गोमेद को भी हीरे की कटिंग में ही कटा होना चाहिये। इसी प्रकार से अन्य राशियों के लिये अलग अलग तरह से हीरे को पहिना जा सकता है। अधिक जानकारी के लिये ईमेल कर सकते है।

3 comments:

Sachit said...

मेष लग्न में शनि, बुध, शुक्र हों और राशि वृष हो जिसमे चंद्र और मंगल विराजे हों तो क्या हीरा धारण करना चाहिए? अगर हाँ तो कितने कैरेट का तथा किस धातु में और किस ऊँगली में धारण करें?

Ravi Upadhyay said...

can I wear gomedh dob 24 feb 1975 roorkee uttarakhand 9.15 am

Ravi Upadhyay said...

can I wear gomedh dob 24 feb 1975 roorkee uttarakhand 9.15 am