गुरु का राशि परिवर्तन (मिथुन)

मिथुन राशि कमन्यूकेशन और प्रदर्शन की राशि है,इस राशि से कालपुरुष अपनी प्रकृति को दर्शित करता है,संसार में जितने भी कमन्यूकेशन के साधन है और जैसा भी स्थान देश और जलवायु के अनुसार बोलचाल रहन सहन अपने को लोगों को दिखाने की कला है,वह सब मिथुन राशि के ऊपर ही निर्भर करती है। गुरु इस राशि से सप्तम भाव और दसवें भाव का मालिक है। सप्तम जीवन साथी और साझेदारी के नाम से जाना जाता है और व्यक्ति अपने जीवन में जो भी करने के लिये आता है वह सब सप्तम के साथ आमना सामना करने के बाद ही करता है। मिथुन राशि का स्वभाव होता है कि वह गर्म के सामने ठंडी हो जाती है और ठंडे के सामने अपनी गर्मी को प्रस्तुत करती है। यह स्वभाव व्यक्ति स्थान वस्तु के लिये भी देखा जाता है,जैसे घर बनवाते समय बरसात के मौसम में उसकी सुरक्षा के लिये छत बनाना और बिना बरसात वाले स्थान में जहां धूप गर्मी और जाडे की आवश्यकता नही समझी जाती है वहां खुला छोड दिया जाता है। उसी प्रकार से मनुष्य के पहिनावे के लिये भी देखा जाता है,मनुष्य के बोलचाल की भाषा में भी देखा जाता है,भाषा और भाषा के विश्लेषण के लिये भी देखा जाता है। इस राशि का प्रभाव हर मनुष्य के अन्दर किसी न किसी रूप में मिलता है.

इस राशि वालों के जीवन साथी के मामले में माना जाता है कि जीवन साथी तो ज्ञान और मर्यादा के साथ बंध कर रहता है लेकिन इस राशि वाले का स्वभाव जो है उसे बोल देने और केवल बातें करने से माना जाता है। इस राशि वाले गाने बजाने और संगीत आदि के प्रेमी होते है जब कि उनके जीवन साथी अपने अनुसार हमेशा चुप रहने और बडी बातें सोचने के कारण अपने को गुप्त ही रखा करते है। इस राशि के दसवें भाव का मालिक गुरु है जो ज्योतिष के अनुसार नीच का कहलता है,और इस गुरु की शिफ़्त के अनुसार जो भी कार्य इस राशि वालों से प्रकृति करवाती है वह सभी किसी न किसी प्रकार से घर और बाहर की बातें ध्यान में रखकर तथा सबसे पहले धन के मामले में सोच कर ही की जाती है,अक्सर इस राशि वालों की मुख्य कमाइया किराया ब्याज से लेना या देना और जनता से अपनी इच्छाओं की पूर्ति में रहता है,इस राशि वाले अपना भावनात्मक रूप इस प्रकार से प्रस्तुत करते है कि सामने वाला इनकी बातों में जरूर आजाता है,और जो भी इन्हे अपने अनुसार करना होता है कर जाते है और अपने लिये जो भी चाहत होती है पूरी कर लेते है,इनके अष्टम में शनि की मकर राशि होने से यह अपने प्रभाव को अन्दरूनी गुप्त रिस्तों में बहुत ही छिपाकर रखते है और अक्सर बडी उम्र वाले हमेशा अपनी उम्र से कम लगने के कारण अपने से कम उम्र वालों के साथ मिलकर चलते देखे जा सकते है। इस राशि वालों की सिफ़्त एक प्रकार से बडी खतरनाक भी होती है यह अपने घर की बात किसी को नही बताते लेकिन इनके पास सबकी खबर रहती है कि कब किसके यहां क्या हो रहा है।

गुरु का बदलाव मीन राशि में होने के कारण इस राशि के कर्म भाव में गुरु का प्रवेश हुआ है,यह गुरु सबसे पहले जो भी कर्म किये जा रहे थे,उनके प्रति फ़लकारक हो जायेगा,इसके साथ ही पिछले समय में गुरु इस राशि वालों के भाग्य भाव में था,अगर इस राशि वालों ने भाग्य से सम्बन्धित कोई उपाय किये है या अपने मन को धार्मिक और सेवा के भावों से जोड कर रखा है तो इस राशि का कर्म भाव उज्ज्वल हो जायेगा और उन्हे बाहरी कामो के प्रति खर्च नही करके लाभ वाले असर अगली साल से आने लगेंगे,अगर किसी प्रकार से लूट खसोट या अन्य प्रकार के छल प्रपंच आदि के प्रति मानसिकता रही है तो अगली साल से इस गुरु की स्थिति में जो कार्य किये जायेंगे वे दिक्कत देने वाले और परेशान करने वाले होंगे। पीछे जो भी कार्य धर्म मर्यादा और कानूनी रूप से हुये है या विदेश वास या विदेश जाने के उपक्रम रचे गये है वे इस साल में मई तक पूरे हो जायेंगे और गुरु इस राशि वालों को कर्म की सौगात अच्छी तरह से देने लगेगा,जो लोग विदेश में थे और अगर वे वापस आ गये है तो इस गुरु के द्वारा अपने स्थान पर ही कार्य करने के बाद उनके प्रयास वापस विदेश जाने के बनने लगेंगे। इस गुरु सबसे बडी पराक्रम वाली स्थिति जो होगी वह केवल अपने को प्रदर्शित करने वाली और अहम से पूर्ण होगी इससे जो व्यक्ति विदेश या कानूनी रूप से अपने आगे निकाल कर लाये है वे अपने सबसे बडा धनी और औकात वाला दिखाने की कोशिश करेंगे,लेकिन जो अपने को कानूनी रूप से या अन्य न्याय वाले क्षेत्रों से निकाल कर लाये है वे अपने अनुसार धन को बाहर से लाने के लिये सोचेंगे,इस राशि का सबसे बडा असर यह होगा कि जातक किसी धर्म स्थान से या बडी संस्था जो विदेशी हो सकती है या किसी धर्म स्थान के निर्माण से सम्बन्धित हो सकती है वहां के प्रति अपने को वफ़ादार बनाकर धन कमाने की सोचेंगे। इस गुरु की नजर कर्क राशि पर जाने से और इस राशि वालों के धन और कुटुम्ब पर जाने के कारण जो भी सोच होगी वह केवल जनता से धन कमाने के प्रति मानी जायेगी,वही लोग इनके वफ़ादार होंगे जो अपने द्वारा धन को इन लोगों के प्रति खर्च कर सकते है और इनके पालन पोषण का जिम्मा अपने ऊपर ले सकते है। इसके अलावा गुरु की सप्तम द्रिष्टि इस राशि के चौथे भाव में जाने से भी जनता के प्रति या समाज के रूप से सरकारी सहायता प्राप्त करवाने और सरकारी सहायता से लोगों को लाभ दिलवाने वाली बातें भी सामने आयेंगी,लोग अपने मकान व्यवसाय के स्थानों का निर्माण भी सरकारी सहायता से या अपने द्वारा कोई सरकारी संस्था के प्रति कार्य करने के लिये भी योग्यता को प्रदर्शित करेंगे,सरकारी ठेकेदारी और भवन निर्माण में भी अपनी योग्यता का परिचय दे सकते है,बडी कम्पनिया भी सरकारी कम्पनियों के प्रति ठेकेदारी या अन्य कार्य कर सकती है जैसे कि भारत की संचार कम्पनी जो सरकारी रूप से संचार के कारकों में मानी जाती है को कोई कम्पनी ठेके से काम करने के लिये राजी कर ले,और जो भी कार्य इस कम्पनी में हो सकता है वह सभी ठेके से करवाना शुरु हो जाये। इसी प्रकार से दूर संचार कम्पनियों और सरकारी टीवी चैनल और मोबाइल कम्पनियों के लिये भी माना जा सकता है। गुरु की नवी द्रिष्टि कर्जा दुश्मनी बीमारी वाले भावों पर भी जा रही है,जातक कोई भी बडा कार्य करने के लिये बैंक आदि से लोन लेने के लिये भी अपनी कोशिशें करेगा,और संचार से सम्बन्धित कम्पनिया या टीवी चैनल चलाने वाली कम्पनियां बैंक आदि से लोन लेकर कोई बहुत बडा कार्य कर सकती है,इसके अलावा भी साधारण लोग अपने को लोन लेकर नेट वर्किंग और गाने बजाने वाले संगीत वाले कारणों को लोन आदि लेकर चालू करते समझ में आयेंगे। जिन लोगों के पहले से लोन आदि चल रहे है वे लोग अपने अनुसार कार्य करके या जनता के अन्दर से धन आदि की प्राप्ति करने के बाद लोन चुकाने के लिये भी जाने जायेंगे,जिन लोगों के कार्य पहले से ही अधूरे है और जो लोग अपने को लोगों को दिखाना नही चाहते है वे भी अपने अनुसार सरकारी धरपकड से सामने आने लगेंगे,गुरु धन का भी कारक है,और धन के लिये जो मुद्रा आदि बनाई जायेगी वह भी किसी बडे बदलाव के लिये सामने आने के संकेत है जैसे कि चलने वाले नोट ही बदल दिये जायें,और पुराने नोटों को समाप्त करने के बाद नये प्रकार के नोट चलाये जायें या कोई नोट बडी कीमत का चालू कर दिया जाये।

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