वृश्चिक और वृष राशि राहु केतु के घेरे में

राहु मानसिक भ्रम देने का कारक है और केतु साधन देने के लिये माना जाता है,जिस प्रकार का भ्रम पैदा होना है उसके लिये साधन देने का कार्य केतु करता है,बिना केतु के राहु असमर्थ है और बिना राहु के केतु बेकार है। गुरु के कुंडली मे गोचर के अनुसार यह अपनी मर्यादा को लेकर चलते है और शनि के इशारे से अपने कार्यों को पूरा करते है। अक्सर जब राहु राशि मे हो और केतु सप्तम मे हो तो बडे बडे अनर्थ करवा देता है वह भी तब जब शनि दोनो को एक बारह का योग बनाकर बरबाद करने के लिये और एक आठ का योग बनाकर मिट्टी मे मिलाने के लिये अपनी युति को दे रहा हो।
वर्तमान मे वृश्चिक राशि पर राहु का गोचर चल रहा है और वृष राशि पर केतु का गोचर चल रहा है। शनि का योगात्मक रूप पन्द्रह नवम्बर से राहु केतु तथा इन दोनो राशियों के लिये बरबाद करने के लिये और मिट्टी मे मिलाने के लिये अपने प्रभाव को देने लगा है। बाकी के ग्रह भी राहु केतु से नही बचते है और शनि भी अपनी शिफ़्त से सभी ग्रहों को कोई न कोई कारण देकर उसी प्रकार के कार्य करवाने के लिये अपनी गति को प्रदान कर रहा है जिससे राहु केतु के घेरे मे आकर उसी ग्रह के अनुसार अपनी स्थिति को इन दोनो स्थितियों से मुलाकात करवायी जा सके।
गुरु परिवार समाज धर्म और विद्या को देने वाला है सामाजिक ज्ञान और इसी प्रकार के कारणो को प्रदान करने वाला है। जब गुरु मार्गी होता है तो वह अपने स्वभाव से सभी भावो को राशियों को अपनी गति को देकर उपरोक्त कारणो पर चलने या उनसे लाभ हानि देने के लिये अपने प्रभाव को देता है तथा वक्री होकर अपने प्रभाव से जो भी उपरोक्त कारण है उनके अन्दर उल्टी गति को देने के लिये माना जाता है।
उदाहरण के लिये इस राशि वाले जातक अगर वृश्चिक राशि का है तो उसके ऊपर राहु का असर एक भूत के तरह से काम करेगा,वह गुरु के मार्गी रहने तक तो समाज और परिवार के साथ धर्म तथा कानून का पालन करेगा जैसे ही गुरु वक्री अपना प्रभाव देगा वह कानून और समाज धर्म मर्यादा को त्याग कर उल्टे काम करना शुरु कर देगा। इस राशि के छठे भाव मे गुरु होने से जो भी कारण बनेंगे वह गुप्त रूप मे बनेंगे,जातक गुरु के वक्री होते ही गुप्त रूप से अपने कार्य व्यवहार को लेकर चलने लगेगा,जैसे वह शिक्षा मे है तो वह शिक्षा को छोड कर अपने जीवन को बनाने और जीवन साथी को खोज कर उसके साथ अपने जीवन को बिताने का सोचने लगेगा,वह अगर समझदार है तो अपने शिक्षा स्थान को भी छोड सकता है और अपने संभावित चाहने वाले व्यक्ति के साथ भाग भी सकता है। उसकी इस कार्य मे सहायता करने के लिये केतु अपना पूरा प्रभाव देगा,यानी जो भी साधन इस राहु को चाहिये केतु प्रदान करता रहेगा,जैसे मोबाइल को प्रदान करवाना,कम्पयूटर या लेपटाप को दिलवाना,संचार का कोई न कोई जरिया प्रदान करवाना आदि माना जाना भी उचित ही है। अगर इन साधनो से कोई कारण नही बनता है तो वह किन्ही दो व्यक्तियों से अपनी संचार व्यवस्था से अपने कार्यों को अंजाम देने की कोशिश करेगा। इस राहु का प्रभाव जो जातक के ऊपर डालता है वह सबसे पहले राहु से अपने सम्पर्क को बनाना राहु की तीसरी द्रिष्टि मकर राशि पर होने से यानी जो व्यक्ति दक्षिण दिशा का रहने वाला होगा तथा संचार के कारणो को अपने द्वारा प्रदर्शित करने के बाद बुद्धि स्थान को भ्रमित करने के लिये भी अपनी शक्ति को देगा,इस शक्ति से अगर व्यक्ति विद्या के क्षेत्र मे है तो वह अपनी विद्या वाली शक्ति के अन्दर भ्रम को पैदा करने के बाद अपनी याददास्त को खोने लगेगा या किसी प्रकार के अफ़ेयर आदि के चक्कर में आकर या जल्दी से धन कमाने की कोशिश को समझ कर अपने परिवार और समाज से दूरी प्राप्त करने की कोशिश करेगा। सातवी द्रिष्टि से यह सहयोग देने वाले साधनो संचार और सहयोग के लिये धन के साधन को तथा अपनी गुप्त मंत्रणा के लिये अपने सहयोगी को जो छुपे रूप में होगा उससे अपनी युति को प्राप्त करने लगेगा,सबसे बडा असर अपनी समाज की मर्यादा को समाप्त करने वाला होगा वह अपने पिता को भी बडी बुरी तरह से आहत कर सकता है,पिता की सामाजिक अवस्था को समाप्त करना और पिता की खानदानी स्थिति को बरबाद करने का झटका जातक देने से नही चूक सकता है।
वृष और वृश्चिक राशि वालो को आने वाली जनवरी दो हजार तेरह तक अपने को बहुत ही संभाल कर चलने की जरूरत है,वे किसी प्रकार के मानवीय संबन्ध को बिना विचारे नही बनाये,अपने लिये खोजे जाने वाले रोजगार मे किसी प्रकार की ऐसी नौकरी आदि का चुनाव नही करे जहां प्रलोभन देकर उनका आगे का शोषण किया जाये उन्हे किसी से भी राय लेने मे भी बहुत ही सोच समझ कर चलने की जरूरत है कि वे अपने को इतना किसी भी व्यक्ति पर निर्भर नही कर ले कि वह वक्त पर आकर अपनी आदत से शरीर समाज परिवार और स्थिति पर ग्रहण को लगा दे.यह समय इन दोनो राशियों के लिये बहुत ही कनफ़्यूजन और एक साथ दो दो रास्ते चुनाव करने के लिये माना जाता है जिससे शरीर धन हिम्मत पहिचान बुद्धि पति पत्नी के सम्बन्ध पारिवारिक और सामाजिक स्थिति को बरबाद करना भी माना जा सकता है,किसी भी समस्या के सुझाव के लिये लिख सकते है.

2 comments:

Rinku Dhanjal said...

उसकी इस कार्य मे सहायता करने के लिये केतु अपना पूरा प्रभाव देगा,यानी जो भी साधन इस राहु को चाहिये केतु प्रदान करता रहेगा,जैसे मोबाइल को प्रदान करवाना,कम्पयूटर या लेपटाप को दिलवाना,संचार का कोई न कोई जरिया प्रदान करवाना आदि माना जाना भी उचित ही है। अगर इन साधनो से कोई कारण नही बनता है तो वह किन्ही दो व्यक्तियों से अपनी संचार व्यवस्था से अपने कार्यों को अंजाम देने की कोशिश करेगा। इस राहु का प्रभाव जो जातक के ऊपर डालता है????????????


Respected Guru Ji,

App ka yeh lekh bahut badhia laga...
Guru ji kiya Mobile, Laptop ya koi hor sanchar sadhan ketu pardan karta hai...
Last year mene ek laptop installment pe liya tha... Per muje us ka koi vi fada nahi hoiya... ulta mere oper karja chad giya.... Or muje mobile vi 5-6 bar lene pade... Os ka vi bahut nuksan ho raha tha... Ya to koi gum ho giya.. ya kharab ho giya.... Mere sare sunchar sadan ka loss ho giya... Jase ki computer, Mobile or Motorcycle.... Meri Kundli mein makar lagan mein Ketu 2nd house main hai.... Or rahu 8th house main hai... Or varshfull kundli mein vi 1st lagna mein same yog ban raha hai... Or Mere Venus ki mahadasha mein rahu ki untar dasha chal rahi thi... jo ki 30, november 2011 tuk thi.... Ab Venus mein Guru ki antar dasha suru ho gai hai.... Guru ji please suggest me.. Ki mere sare sunchar ke sadan ka loss kiyon houa.... Or mere pass ab kuch bi nahi jo mene pehle apni income se banaye tha.... Or mere pass sunchar ke sadan kab tuk aayegai....

Jagtar Singh
15/07/1979
20:15
Jagraon

Thanks & Regards,
Jagtar Singh

रामेन्द्र सिंह भदौरिया said...

अगर अपने इन साधनो के लिए आने वाले जनवरी दो हजार तेरह तक सीमित अवस्था मे ही सोचने के तरीके पैदा करे और जो है उसी से गुजारा करने की कोशिश करे तो नुकसान से बच पाएंगे,अन्यथा यह भी एक तरह का नशा ही है जो न करो तो आफत और करो तो आफत।