कम्पयूटर में निपुणता का योग

कम्पयूटर में तीन ग्रहों के योग को मुख्य माना जाता है,बुध जो गणित का कारक है और गुरु जो प्राप्त किये गये ज्ञान को संग्रह करके रखता है और शनि जो परिश्रम करने का कारक है,इसके साथ ही गहरी सोच जो असीमित जानकारी को प्रदर्शन करने के लिये अपनी बुद्धि को प्रकट कर सके,इसका कारक राहु होता है। सिंह और वृष लगन के धन भाव का स्वामी बुध होता है और वह उच्च का होकर मिथुन राशि में ही विराजमान हो जाये,गुरु बुध को बल देने लगे,शनि वक्री होकर शरीर बल की अपेक्षा बुद्धि बल को प्रदर्शित करने लगे और राहु बुध का साथ देने लगे तो व्यक्ति को कम्पयूटर के क्षेत्र मे अपने विकास से कोई रोक नही सकता है। वृष लगन के जातक में अगर यह योग मिलता है तो जातक को धन के मामले में बहुत ही गहरी जानकारी हो जाती है और वह किसी भी प्रकार के धन से सम्बन्धित साफ़्टवेयर की रचना कर सकता है,अगर यह सिंह राशि में मिलती है तो व्यक्ति कमन्यूकेशन के मामले में अपनी बुद्धि को विकसित करने के बाद नाम कमा सकता है।

अन्य राशियों के मामले में भी देखने की बात है कि अगर यह युति तुला राशि में मिलती है तो व्यक्ति के पास इन्ही मामलों में अन्तराष्ट्रीय मामले में आगे बढने की उपाधि मिलती है और वह बाहरी कार्यों को बाहरी व्यक्तियों को बडे आराम से डील कर सकता है,बाहरी साफ़्टवेयर उसकी समझ में जल्दी आने शुरु हो जाते है तथा वह अपने मेहनत और ज्ञान से अपने लिये कोई न कोई रास्ता भी खोज लेता है,अगर तुला राशि का केतु भी तीन सात ग्यारह में अपना बल दे रहा है तो व्यक्ति के पास आजीवन कमन्यूकेशन से लडने की क्षमता का विकास अपने आप शुरु हो जाता है। इस प्रकार का योग अगर मेष राशि वालों को मिलता है तो वे अपने ज्ञान के द्वारा बैन्किन्ग फ़ायनेन्स चिकित्सा ह्यूमेन रिसोर्स आदि के मामले में अपनी जानकारी से सोफ़्टवेयर का निर्माण कर सकता है,और अपने द्वारा तुरत कमन्यूकेशन और प्रदर्शित करने वाले कमन्यूकेशन के मामले में भी वह अपने विचार प्रदर्शित कर सकता है।

नाम राशि से अगर देखा जाये तो बिल गेटस और माइक्रोसाफ़्ट जैसे लोगों के नाम की राशि वृष और सिंह ही है। इसके अलावा विन्डो और माइक्रोसाफ़्ट के लिये भी देखा जा सकता है।

धनेशे ज्ञे स्वोच्चे गुरौ लग्नेऽष्टमे मंदे गणितज्ञ: वाली कहावत का पूरा ब्यौरा इन दोनो कम्पनियों में मिलता है,इन दोनो राशियों का स्वभाव भी अपने दिमाग में बैठे बैठे मीजान बिठाने वाला होता है। जिस तरह से वृष और सिंह साफ़्टवेयर के मामले में उसी प्रकार से वृश्चिक और कुम्भ हार्डवेयर के मामले में भी जानी जाती है.

अपने बुध और राहु की प्रोग्रेस के लिये तथा गुरु और शनि की युति को कायम रखने के लिये जातक को जब भी वह अकेला हो कोई न कोई धारणा सोचने के साथ उसके पाइंट लिखते रहने से वह अपनी सभी गतिविधियों को उच्चता की श्रेणी तक ले जा सकता है,इसके अलावा उसके लिये हरा भरा वातावरण और नीला परिवेश भी उसके लिये सहायक होता है,सीमित मात्रा के तापमान वाली जलवायु भी जातक के लिये जरूरी है,अगर इन राशियों वाले लोग अधिक ठंडे और अधिक वातावरण में अपने कार्य को करते है तो वह फ़ेल केवल इसलिये हो जाते है क्योंकि उनका दिमाग गुरु और शनि की अधिकता से फ़्रीज होना शुरु हो जाता है और राहु की अधिकता से वे जो सोचते है वह कर नही पाते है।

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