प्रस्तुत कुंडली ग्यारह नवम्बर उन्नीस सौ उन्तालीस की है और जन्म समय शाम चार अडतीस का है जन्म स्थान करलह जिला मैनपुरी उत्तर प्रदेश का है। यह कुण्डली जाने माने समाजवादी पार्टी नेता श्री मुलायम सिंह यादव की है। अक्सर विपरीत राजयोग की कुंडलियो मे इस कुंडली को रखना जरूरी है। शनि लगन मे है यह वक्री है अगर शनि मार्गी होता तो जड बनाने के लिये माना जा सकता था,शनि वक्री होने से बुद्धिमान बनाने के लिये माना जा सकता है। सप्तम का राहु उन्नति के रास्ते देने के लिये और आशंकाओं को बेलेन्स करने के लिये उत्तम माना जाता है। छठे भाव का मालिक बुध अष्टम मे जाकर वक्री हो गया है इसका असर भी उत्तम फ़ल दायी इसलिये हो गया है कि जो दुश्मनी को मानने वाला है वह भी दिक्कत मे आकर मित्रता को करने वाला है। बारहवे भाव मे भाग्य का मालिक वक्री हो गया है इसका मतलब भी जो सन्यासी वृत्ति को देने वाला था वह भौतिकता के मामले मे ऊंची उडान देने के लिये अपनी युति को प्रदान कर रहा है। सन्तान भाव का मालिक सूर्य है जो अष्टम में वक्री बुध और शुक्र के साथ अपना स्थान बनाये है। सन्तान भाव के मालिक सूर्य को भी बारहवे भाव के चन्द्रमा और वक्री गुरु का आशीर्वाद मिला हुआ है साथ मे धन और सप्तम के मालिक शुक्र का भी साथ है,सूर्य को जब दो गुरु एक साथ अपना असर देना शुरु करे,यानी देवताओ का मालिक गुरु और दैत्यों का मालिक शुक्र सूर्य को अपना बल देना शुरु कर दें तो इस प्रकार के व्यक्ति को कोई कैसे नीचे दिखा सकता है।
साइकिल चुनाव चिन्ह
शुक्र को वाहन के रूप मे देखा जाता है,लगन से चौथे भाव मे खुद की सवारी को माना जाता है,बारहवे भाव को हवाई यात्रा के लिये माना जाता है.पंचम भाव जो राज्य का कारक है और राज्य के मालिक सूर्य पंचम से चतुर्थ भाव मे विराजमान है,सूर्य के साथ ही शुक्र वृश्चिक राशि के है,राज्य भाव से चौथे भाव मे जाकर वाहन का रूप ले लेते है लेकिन बुध वक्री दिखावा करने के लिये माना जाता है और इस राशि का वाहन वही होता है जो कष्ट से चलाया जा सके यानी खुद के द्वारा चलाया जाये,इसलिये वाहन का रूप साइकिल भी है हाथ से खींचा जाने वाला वाहन भी माना जा सकता है राज्य के चौथे भाव मे शुक्र के होने से जो दिखाया जाये साइकिल का निशान ही इनके लिये सबसे उपयोगी माना जा सकता है।
जमीनी राजनीति
चौथे भाव को आराम से मिलने वाले फ़लो के लिये देखा जाता है बारहवे भाव से हवा से मिली यानी अक्समात मिलने वाली स्थिति के लिये जाना जाता है लेकिन अष्टम भाव जमीन के नीचे से मिली कारकता के लिये जाना जाता है,जो कारकत्व अष्टम से मिलता है उसे कोई बरबाद नही कर सकता है कारण यह भाव पाताल का भाव कहा जाता है,जिस पेड की जडे पाताल मे होती है वह पेड समय के झंझावत से टूट सकता है लेकिन उसकी जडे मजबूत होने के कारण पेड को सुखा नही सकते है। इसी प्रकार से जो समाजवादी पार्टी का उदय हुआ है वह एक ऐसे व्यक्ति के द्वारा हुआ जिसके रहते या नही रहते उनकी यह पार्टी समाप्त नही हो सकती है जबकि भाजपा का भी समय है कांग्रेस का भी समय है लेकिन समाजवादी पार्टी का समय कभी समाप्त नही होने वाला है। सूर्य आत्मा का रूप है और सूर्य ही पिता का तथा सूर्य ही पुत्र का कारक होता है सूर्य से ही पारिवारिक स्थिति और सूर्य से ही समाज की स्थिति को देखा जा सकता है। जो सूर्य पाताल से उदय होता है और जहां दुनिया की रोशनी नही पहुंच पाती है वहां उजाला करने के लिये इस सूर्य के कारण ही यादव समुदाय का उन्नत होना माना जा सकता है।
दिमाग से हल चलाने वाला किसान
श्री मुलायम सिंह को दिमाग से किसानी करने वाला किसान माना जाता है,एक व्यक्ति शनि केतु की उपस्थिति मे हल चलाने के लिये जाना जाता है सैफ़ई ग्राम के आसपास के यादव लोग आज भी भैंसे से खेती करते हुये देखे जा सकते है, (शनि भैंसा और केतु हल) लेकिन श्री मुलायम सिंह शनि के वक्री होने के कारण एक दिमाग से किसान के रूप मे काम करते हुये देखे जा सकते है। यह प्रभाव उनके बारहवे गुरु जो कि वक्री है के द्वारा प्राप्त होना भी माना जा सकता है और उनके पिताजी स्वर्गीय सुघर सिंह यादव की मेहनत करके खाने वाली स्थिति के रूप मे भी देखा जा सकता है।
अस्पताली आशीर्वाद
श्री मुलायम सिंह के द्वारा सैंफ़ई मे एक ऐसे अस्पताल का निर्माण करवाया गया है जहां गरीब आदमी को भी उसी प्रकार की चिकित्सा सेवा मिलती है जैसे कि किसी महंगे और अमीर के इलाज की सेवाये महानगरो मे मिलती है। जहां दवाइयों का पैसा भी श्री मुलायम सिंह की तिजोरी से ही खर्च होता है,किसी भी आदमी के साथ कोई भेद भाव नही होता है,जो भी उस अस्पताल मे पहुंच जाता है उसका इलाज जरूर होता है,मेरे कई रिस्तेदार जो बहुत गरीब थे और मरणासन्न थे उनका इलाज उसी अस्पताल मे हुआ,और वे ठीक होकर अपनी अपनी गृहस्थी को संभाल रहे है। उन्होने अपने शासन काल मे उस इलाके मे बसे और सडके बनवा दी थी जहां स्वतंत्रता के बाद से ही अनदेखा किया जाता रहा,जहां लोग बीस बीस किलोमीटर पैदल चलने के लिये मजबूर थे,लेकिन पिछले शासन के दौरान उन्ही सडको की अनदेखी की गयी और जो वाहन जनता के लिये सरकारी रूप से चलाये गये थे उन वाहनो को भी बन्द कर दिया गया था तथा अस्पताल के डाक्टरो को भी तबादला करने के बाद हटा दिया गया था। लेकिन जनता की आह और आशीर्वाद दोनो ही काम आये।
विधवा और बुजुर्ग सेवा
श्री मुलायम सिंह जहां भी जिस गांव या शहर मे जाते है उनकी नजर हमेशा विधवा असहाय और गरीब विधवाओं के प्रति हमेशा ही देखी जाती रही है उन्होने अपने क्षेत्र मे या जहां भी उनके विधान सभा के क्षेत्र थे सभी जगह विधवाओ को धोतिया और बुजुर्गो को कपडे पहिनाने का काम किया वे अपने हाथ से लोगो को कपडे देते थे और पैर छूते थे यह उनके शासन मे रहते हुये और नही रहते हुये भी देखा है। वृश्चिक का शुक्र विधवा स्त्री है और वृश्चिक का बुध वक्री आसमानी आशीर्वाद भी है साथ ही इनके जन्म स्थान से दक्षिण-पूर्व दिशा मे एक फ़कीर की मजार भी जिससे इन्हे हमेशा आशीर्वाद मिलता रहा है। इसका भी कारण था कि वे हमेशा नि:सहाय लोगो की सेवा मे अपने को लगाये रहते थे,कोई भी फ़कीर गरीब इन्हे दिखाई दे जाता था तो यह अपनी सामर्थ्य से सेवा करते थे,लोगो ने इनकी इसी बात को मन मे रखकर उन्हे मन से आशीर्वाद दिया,आज भी इलाके मे इनके बराबर का कोई व्यक्ति नही है फ़िर भी यह जहां भी जाते है वहीं पर अपने से बडो को इज्जत से देखते है उनकी सेवा के लिये अपने आप को समर्पित कर देते है।
साइकिल चुनाव चिन्ह
शुक्र को वाहन के रूप मे देखा जाता है,लगन से चौथे भाव मे खुद की सवारी को माना जाता है,बारहवे भाव को हवाई यात्रा के लिये माना जाता है.पंचम भाव जो राज्य का कारक है और राज्य के मालिक सूर्य पंचम से चतुर्थ भाव मे विराजमान है,सूर्य के साथ ही शुक्र वृश्चिक राशि के है,राज्य भाव से चौथे भाव मे जाकर वाहन का रूप ले लेते है लेकिन बुध वक्री दिखावा करने के लिये माना जाता है और इस राशि का वाहन वही होता है जो कष्ट से चलाया जा सके यानी खुद के द्वारा चलाया जाये,इसलिये वाहन का रूप साइकिल भी है हाथ से खींचा जाने वाला वाहन भी माना जा सकता है राज्य के चौथे भाव मे शुक्र के होने से जो दिखाया जाये साइकिल का निशान ही इनके लिये सबसे उपयोगी माना जा सकता है।
जमीनी राजनीति
चौथे भाव को आराम से मिलने वाले फ़लो के लिये देखा जाता है बारहवे भाव से हवा से मिली यानी अक्समात मिलने वाली स्थिति के लिये जाना जाता है लेकिन अष्टम भाव जमीन के नीचे से मिली कारकता के लिये जाना जाता है,जो कारकत्व अष्टम से मिलता है उसे कोई बरबाद नही कर सकता है कारण यह भाव पाताल का भाव कहा जाता है,जिस पेड की जडे पाताल मे होती है वह पेड समय के झंझावत से टूट सकता है लेकिन उसकी जडे मजबूत होने के कारण पेड को सुखा नही सकते है। इसी प्रकार से जो समाजवादी पार्टी का उदय हुआ है वह एक ऐसे व्यक्ति के द्वारा हुआ जिसके रहते या नही रहते उनकी यह पार्टी समाप्त नही हो सकती है जबकि भाजपा का भी समय है कांग्रेस का भी समय है लेकिन समाजवादी पार्टी का समय कभी समाप्त नही होने वाला है। सूर्य आत्मा का रूप है और सूर्य ही पिता का तथा सूर्य ही पुत्र का कारक होता है सूर्य से ही पारिवारिक स्थिति और सूर्य से ही समाज की स्थिति को देखा जा सकता है। जो सूर्य पाताल से उदय होता है और जहां दुनिया की रोशनी नही पहुंच पाती है वहां उजाला करने के लिये इस सूर्य के कारण ही यादव समुदाय का उन्नत होना माना जा सकता है।
दिमाग से हल चलाने वाला किसान
श्री मुलायम सिंह को दिमाग से किसानी करने वाला किसान माना जाता है,एक व्यक्ति शनि केतु की उपस्थिति मे हल चलाने के लिये जाना जाता है सैफ़ई ग्राम के आसपास के यादव लोग आज भी भैंसे से खेती करते हुये देखे जा सकते है, (शनि भैंसा और केतु हल) लेकिन श्री मुलायम सिंह शनि के वक्री होने के कारण एक दिमाग से किसान के रूप मे काम करते हुये देखे जा सकते है। यह प्रभाव उनके बारहवे गुरु जो कि वक्री है के द्वारा प्राप्त होना भी माना जा सकता है और उनके पिताजी स्वर्गीय सुघर सिंह यादव की मेहनत करके खाने वाली स्थिति के रूप मे भी देखा जा सकता है।
अस्पताली आशीर्वाद
श्री मुलायम सिंह के द्वारा सैंफ़ई मे एक ऐसे अस्पताल का निर्माण करवाया गया है जहां गरीब आदमी को भी उसी प्रकार की चिकित्सा सेवा मिलती है जैसे कि किसी महंगे और अमीर के इलाज की सेवाये महानगरो मे मिलती है। जहां दवाइयों का पैसा भी श्री मुलायम सिंह की तिजोरी से ही खर्च होता है,किसी भी आदमी के साथ कोई भेद भाव नही होता है,जो भी उस अस्पताल मे पहुंच जाता है उसका इलाज जरूर होता है,मेरे कई रिस्तेदार जो बहुत गरीब थे और मरणासन्न थे उनका इलाज उसी अस्पताल मे हुआ,और वे ठीक होकर अपनी अपनी गृहस्थी को संभाल रहे है। उन्होने अपने शासन काल मे उस इलाके मे बसे और सडके बनवा दी थी जहां स्वतंत्रता के बाद से ही अनदेखा किया जाता रहा,जहां लोग बीस बीस किलोमीटर पैदल चलने के लिये मजबूर थे,लेकिन पिछले शासन के दौरान उन्ही सडको की अनदेखी की गयी और जो वाहन जनता के लिये सरकारी रूप से चलाये गये थे उन वाहनो को भी बन्द कर दिया गया था तथा अस्पताल के डाक्टरो को भी तबादला करने के बाद हटा दिया गया था। लेकिन जनता की आह और आशीर्वाद दोनो ही काम आये।
विधवा और बुजुर्ग सेवा
श्री मुलायम सिंह जहां भी जिस गांव या शहर मे जाते है उनकी नजर हमेशा विधवा असहाय और गरीब विधवाओं के प्रति हमेशा ही देखी जाती रही है उन्होने अपने क्षेत्र मे या जहां भी उनके विधान सभा के क्षेत्र थे सभी जगह विधवाओ को धोतिया और बुजुर्गो को कपडे पहिनाने का काम किया वे अपने हाथ से लोगो को कपडे देते थे और पैर छूते थे यह उनके शासन मे रहते हुये और नही रहते हुये भी देखा है। वृश्चिक का शुक्र विधवा स्त्री है और वृश्चिक का बुध वक्री आसमानी आशीर्वाद भी है साथ ही इनके जन्म स्थान से दक्षिण-पूर्व दिशा मे एक फ़कीर की मजार भी जिससे इन्हे हमेशा आशीर्वाद मिलता रहा है। इसका भी कारण था कि वे हमेशा नि:सहाय लोगो की सेवा मे अपने को लगाये रहते थे,कोई भी फ़कीर गरीब इन्हे दिखाई दे जाता था तो यह अपनी सामर्थ्य से सेवा करते थे,लोगो ने इनकी इसी बात को मन मे रखकर उन्हे मन से आशीर्वाद दिया,आज भी इलाके मे इनके बराबर का कोई व्यक्ति नही है फ़िर भी यह जहां भी जाते है वहीं पर अपने से बडो को इज्जत से देखते है उनकी सेवा के लिये अपने आप को समर्पित कर देते है।